जो दो पल मेरे संग हुए मेरे शब्दों से तंग हुए
थी यही वजह कुछ लोगों से सम्बन्ध हमारे भंग हुए
मैं बहुत बोलता हूँ लेकिन अब चुप रहना सीख रहा हूँ
मैं अपने दिल की बातों को कागज़ पे लिखना सीख रहा हूँ
मैं चुप रहना सीख रहा हूँ….
दिल की बातों को कागज़ पर लिखने के लिये ही बनाया गया यह ब्लॉग… जहाँ मैं साहित्य के होने का दावा नहीं करता…..हैं तो कुछ किस्से-कहानियाँ, गज़ल-गीत, कविताएँ हमारे आपके ही बीच के…
और….कभी आपके भी शब्द बिखरने लगें तो उन्हें बिखरने न दें उन्हें समेटें और कागज़ पर लिखें क्योंकि-
बिखरने के लिये कागज़ अच्छा है….
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